My Writings

इन उड़ते हुए बादलों को देखा मैने जब Aeroplane की खिड़की से ‌‌गौरकर, मैंने पाया कि ये तो बुलबुले हैं सब बल आया जब तो बरस जाएंगे तब इनका तो हर क्षण जीवन और हर क्षण मौत है। बंधे हैं तो रुई के जैसे लिपटे हुए और बरसते हैं तो सावन। बड़े ही मस्तमौला है …

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